गले का कैंसर, कारण लक्षण और बचाव – gale-ke-cancer-ke-karan-aur-upchar in Hindi

गले का कैंसर का कारण और लक्षण क्‍या है यह सभी लोग सिर्फ नाम से जानते हैं। लेकिन गले का कैंसर, कैंसर के कारण, लक्षण बचाव और इलाज आदि को भी जानना बेहद आवश्यक है। गले का कैंसर यहां की कोशिकाओं के अनावश्‍यक वृद्धि के कारण होता है। इस तरह से कोशिकाओं की वृद्धि ट्यूमर का रूप ले लेती है। किसी व्‍यक्ति में गले का कैंसर होने से उसे बोलने, निगलने और सांस लेने में भी परेशानी होती है। हालांकि यह बहुत ही कम लोगों में देखने मिलता है लेकिन यह तेज गति से वृद्धि करता है। इसलिए गले का कैंसर का तुरंत ही इलाज किया जाना चाहिए। आज आप इस लेख मे गले का कैंसर और इसके इलाज संबंधी जानकारी प्राप्‍त करेगें।

1. गले का कैंसर क्या है – What is throat cancer in Hindii
2. गले का कैंसर के स्‍टेज – stage of throat cancer in Hindi
3. गले के कैंसर के प्रकार – Types of throat cancer in Hindi

4. गले के कैंसर के लक्षण – throat cancer Symptoms in Hindi
5. गले के कैंसर के कारण – Throat cancer causes or Risk factors in Hindi
6. गले के कैंसर का निदान – throat cancer Diagnosis in Hindi
7. गले के कैंसर का इलाज – throat cancer Treatment in Hindi
8. गले के कैंसर की रोकथाम – throat cancer Preventing in Hindi

Table of Contents

गले का कैंसर क्या है – What is throat cancer in Hindi

gale-ke-cancer-ke-karan-aur-upchar in Hindi

जैसा कि आप जानते हैं कि गले का कैंसर कोशिकाओं के अधिक विकास के कारण होता है। यह विशेष रूप से वॉइस बॉक्स (लैरिंक्स और ग्रसनी) को क्षति ग्रस्‍त करता है। लेकिन आमतौर पर लैरिंक्स कैंसर (larynx cancer) की तुलना में ग्रसनी कैंसर (pharyngeal cancers) बहुत ही आम है। हमारा गला एकपेशीय ट्यूब (muscular tube) है जो कि नाक से शुरू होती है और हमारी गर्दन पर खत्‍म होती है। अधिकांश मामलों में गले का कैंसर गले के अंदर फ्लैट सेल (flat cells) में शुरु होता है। कैंसर के लिए अतिसंवेदनशील वॉइस बॉक्‍स गले के ठीक नीचे होता है। हमारा वॉयस बॉक्‍स नरम हड्डियों या उपास्थि (cartilage) से बना होता है। हमारे वॉइस बॉक्‍स में ही स्‍वर रज्‍जू होती है जिससे कंपन के दौरान आवाज निकलती है।

गले का कैंसर के स्‍टेज – stage of throat cancer in Hindi

जब डॉक्‍टर के पास गले के कैंसर का रोगी जाता है तो बीमारी की स्थिति और गंभीरता जानने के लिए गले के कैंसर के चरणों की पहचान की जाती है। आइए जाने गले के कैंसर के चरण क्‍या होते हैं।

गले के कैंसर की स्‍टेज 0 – gale ke cancer ki Stage 0 in Hindi

कैंसर की इस स्थिति में ट्यूमर या कैंसर का विकास केवल प्रभावित कोशिकाओं में ही होता है। इसका मतलब यह है कि यह स्थिति कैंसर की शुरुआत हो सकती है। जरूरी नहीं है कि यह कैंसर ही हो।

गले के कैंसर की स्‍टेज 1 gale ke cancer ki Stage 1 in Hindi

जब रोगी कैंसर के प्रथम चरण में होता है तब ट्यूमर का आकार 2 सेमी से कम होता है। इसके साथ ही इनका प्रभाव केवल गले के प्रभावित क्षेत्र में ही रहता है।

गले में कैंसर की स्‍टेज 2 gale ke cancer ki Stage 2 in Hindi

गले के कैंसर के इस चरण में ट्यूमर का आकार 2 से 4 सेमी तक हो सकता है। जो कि प्रभावित क्षेत्र के आस-पास भी फैल सकता है।

स्‍टेज 3 गले के कैंसर की gale ke cancer ki Stage 3 in Hindi

गले के कैंसर की इस चरण में कैंसर प्रभावित कोशिकाओं या ट्यूमर का साइज लगभग 4 सेमी से बड़ा होता है। साथ ही अन्‍य हिस्‍सों अथवा लिम्‍फ नोड में फैला हुआ हो सकता है।

4 स्‍टेज गले के कैंसर की – gale ke cancer ki Stage 4 in Hindi

गले का कैंसर प्रभावित रोगी के लिए यह स्थिति गंभीर होती है। क्‍योंकि इस स्‍टेज में ट्यूमर लिम्‍फ नोड्स या शरीर के अन्‍य हिस्‍सों में भी फैल जाता है।

गले के कैंसर के प्रकार – Types of throat cancer in Hindi

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि गले के कैंसर की संभावना सबसे अधिक लैरिंक्‍स और ग्रसनी में होती है। इस तरह से गले का कैंसर ग्रसनी कैंसर और लैरिंक्‍स कैंसर के रूप में जाने जाते हैं।

गले में ग्रसनी का कैंसर – Pharyngeal cancer in Hindi

यह कैंसर गले में ग्रसनी में विकसित होता है। ग्रसनी एक खोखली ट्यूब होती है जो कि नाक में विंडपाइप के ऊपर तक जाती है। मुख्‍य रूप से ग्रसनी कैंसर गले और गर्दन में विकसित होता है। इस प्रकार के कैंसर में निम्‍न कैंसरों को शामिल किया जा सकता है।

  • नासोफरीनक्‍स (Nasopharyngeal) कैंसर जो कि नाक के पिछले हिस्‍से में ऊपर की तरफ होता है।
  • ऑरोफरीन्जियल (Oropharyngeal) कैंसर यह गले के बीच में या टॉन्सिल में होता है।
  • हाइपोफरीनक्‍स (hypopharynx) कैंसर यह गले के निचले हिस्‍से में होता है।

स्वरयंत्र का कैंसर गले में  – Laryngeal cancer in Hindi

इस प्रकार का कैंसर वॉइस बॉक्‍स, स्‍वर रज्‍जु या ग्‍लोटिस (glottis) में होता है। इस प्रकार के कैंसर में निम्‍न कैंसरों को शामिल किया जा सकता है।

  • ग्लोटिक कैंसर (Glottic cancer)
  • सुप्राग्लोटिस कैंसर (Subglottic cancer)
  • सबग्लोटिक कैंसर (Subglottis cancer)

गले के कैंसर के लक्षण – throat cancer Symptoms in Hindi

गले में कैंसर कई कारणों और कई प्रकार का होता है। हालांकि इसके लक्षण स्‍थाई नहीं हैं क्‍योंकि समय के साथ कैंसर की स्‍टेज बदलती रहती है। जिसके कारण इसके लक्षणों में भी परिवर्तन होते रहता है। फिर भी गले के कैंसर के शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं।

भोजन निगलने में कठिनाई

  • गले में खरास होना
  • गले, गर्दन या आंखों में सूजन होना
  • मुंह या नाक से खून आना
  • गले में या शरीर में गांठ का गठन होना
  • कान में दर्द होना
  • अचानक से वजन में कमी आना।

गले के कैंसर के कारण – Throat cancer causes or Risk factors in Hindi

सामान्‍य रूप से कैंसर होने के बहुत से कारण होते हैं। बहुत से लोगों का मानना है कि गले का कैंसर महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है। खराब जीवनशैली गले के कैंसर का प्रमुख कारण होती है। गले का कैंसर होने की अन्‍य संभावनाएं इस प्रकार हैं।

  • शराब, तम्‍बाकू और धूम्रपान
  • यौन संचारित संक्रमण
  • असंतुलित और अस्‍वस्‍थ्‍यकर भोजन
  • पेट से संबंधित बीमारियां
  • अभ्रक (asbestos) के संपर्क
  • दांतो की उचित सफाई न करना
  • अनुवांशिक कारणों से

गले के कैंसर के अन्‍य और बहुत से कारण हो सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि गले में कैंसर के रोगी को एक ही समय में और भी कई कैंसर हो सकते हैं। जैसे कि एसोफैगल कैंसर, फेफड़े या मूत्राशय का कैंसर आदि। सामान्‍य रूप से गले का कैंसर लोगों 65 वर्ष की आयु के बाद होता है। लेकिन कुछ विशेष स्थिति में यह कभी भी हो सकता है।

गले के कैंसर का निदान – throat cancer Diagnosis in Hindi

एक गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या है गले में कैंसर जिसका समय पर निदान किया जाना चाहिए। गले के कैंसर का निदान करने के लिए डॉक्‍टर सबसे पहले कैंसर के लक्षणों का अवलोकन करता है। इसलिए गले के कैंसर की जांच के लिए ऑन्‍कोलॉजिस्‍ट (oncologist) डॉक्‍टर के पास जाना चाहिए। क्‍योंकि इस प्रकार के डॉक्‍टर कैंसर स्‍पेस्लिस्‍ट होते हैं। गले के कैंसर के निदान प्रक्रिया में निम्‍न परीक्षणों को किया जाता है।

(इसे भी पढ़ें – शरीर का तापमान बढ़ाने के उपाय)

एंडोस्कोपी से गले के कैंसर का निदान  –  gale ke cancer ka nidan endoscope in Hindi

इस परीक्षण में गले के आंतरिक भागों की जांच करने के लिए एक स्‍कोप या एंडोस्‍कोप का इस्‍तेमाल किया जाता है। यह एक लचीली पतली ट्यूब होती है जिसमें कैमरा लगा होता है जो आंतरिक दृश्‍यों को बाहर रखी स्‍क्रीन में प्रदर्षित करता है।

गले के कैंसर की जांच लैरिंगोस्कोपी – gale ke cancer ki janch laryngoscopy in Hindi

गले के कैंसर का निदान करने के लिए एक अन्‍य स्‍कोप या लेरिंजोस्‍कोप का उपयोग किया जाता है। इस उपकरण की मदद से डॉक्‍टर वॉइस बॉक्‍स और स्‍वर रज्‍जु की जांच करता है।

इमेजिंग परीक्षण गले के कैंसर के लिए – Imaging test for throat cancer in Hindi

गले के कैंसर का उपचार या जांच करने के लिए डॉक्‍टर इमेजिंग परीक्षण भी कर सकते हैं। यह परीक्षण कैंसर की स्थिति निर्धारित करने में सहायक होते हैं। इस परीक्षण में शामिल हैं।

  • एक्‍स-रे
  • टोमोग्राफी (सीटी) कम्‍प्‍यूटरीकृत
  • एमआरआई (magnetic resonance imaging)
  • पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) (positron emission tomography)

गले के कैंसर परीक्षण के लिए बायोप्सी – Gale ke cancer Test ke liye biopsies in Hindi

डॉक्टर गले के कैंसर का निदान करने के लिए निम्नलिखित प्रकार की बायोप्सी परीक्षण में से किसी एक की सिफारिश कर सकता है, जैसे:

कन्वेंशनल बायोप्सी (Conventional biopsy) –

इस प्रक्रिया के तहत कोशिकाओं का एक नमूना लिया जा सकता है। जिसके लिए चीरा लगाया जाता है।

फाइन नीडल एस्पिरेशन (Fine needle aspiration (FNA)) बायोप्सी –

इस जांच प्रक्रिया (बायोप्सी) के अंतर्गत कोशिकाओं या ऊतकों का सैम्‍पल लेने के लिए एक पतली सुई को सीधे ट्यूमर में डाला जाता है।

एंडोस्कोपिक बायोप्सी (Endoscopic biopsy) –

एंडोस्कोप का उपयोग करके कैंसर प्रभावित हिस्‍से की कोशिकाओं का एक छोटा सा हिस्‍सा सैम्‍पल के लिए दिया जाता है।

गले के कैंसर का इलाज – throat cancer Treatment in Hindi

सामान्‍य रूप से गले के कैंसर का इलाज तुरंत ही किया जाना चाहिए। हालांकि गले के कैंसर का इलाज कैंसर की स्‍टेज या स्थिति पर निर्भर करता है। इसके लिए उपचार प्रक्रिया प्रारंभ करने से पहले व्‍यक्ति की समान्‍य स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति पर विचार किया जाता है। इसके बाद गले का कैंसर की स्थिति के अनुसार डॉक्‍टर इसके उपचार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं।

(इसे भी पढ़ें – गठिया रोग के घरेलू उपचार)

गले के कैंसर का इलाज है कीमोथेरपी – gale ke cancer ka ilaj Chemotherapy in Hindi

कीमोथेरेपी गले में कैंसर का उपचार करने का प्रभावी तरीका हो सकता है। इस थेरेपी के साथ ही विभिन्‍न प्रकार की दवाओं की मदद से क्षतिग्रस्‍त कोशिकाओं को नष्‍ट किया जाता है। लेकनि इस थेरेपी को बड़े ट्यूमर के दौरान ही डॉक्‍टर द्वारा उपयोग किया जाता है। क्‍योंकि कीमोथेरेपी कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का कारण बन सकती है।

गले के कैंसर में उपचार विकिरण थेरेपी – gale ke cancer ka upchar Radiation therapy in Hindi

उच्‍च तीव्रता वाली विकिरण किरणों का उपयोग गले के कैंसर कोशिकाओं को नष्‍ट करने के लिए उपयोग की जाती हैं। इस थेरेपी को विकिरण थेरेपी के नाम से जाना जाता है। विकिरण थेरेपी के निम्‍न प्रकार होते हैं।

  • तीव्रता-संग्राहक रेडियोथेरेपी (intensity-modulated radiotherapy)
  • 3 डी-अनुरूप विकिरण थेरेपी (3D-conformal radiation therapy) – यह थेरेपी हाइपोफेरीन्जियल और स्‍वरयंत्र कैंसर के लिए उपयोग की जाती है।
  • ब्रैकीथेरेपी (Brachytherapy)

गले के कैंसर के लिए सर्जरी – gale ke cancer ke liye Surgery in Hindi

जब गले के कैंसर के उपचार के लिए सभी उपचार प्रक्रियाएं प्रभावी नहीं होती हैं तब सर्जरी करने की आवश्‍यकता होती है। सर्जरी के माध्‍यम से गले के कैंसर के ट्यूमर और क्षतिग्रस्‍त कोशिकाओं को शरीर से बाहर निकाला जाता है। इस प्रकार की सर्जरी के लिए भी एंडोस्‍कोपी की मदद ली जाती है। हालांकि सर्जरी होने से रोगी को अधिक रक्‍त स्राव और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

गले के कैंसर की रोकथाम – throat cancer Preventing in Hindi

गले के कैंसर की रोकथाम ही सबसे बड़ा इलाज है। क्‍योंकि कैंसर की रोकथाम करने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। लेकिन कुछ सामान्‍य से उपाय या तरीके हैं जिन्‍हें उपयोग कर गले के कैंसर की संभावना और लक्षणों को कम किया जा सकता है। गले के कैंसर की रोकथाम में स्‍वस्‍थ्‍य जीवनशैली का विशेष योगदान होता है। इसके अलावा गले में कैंसर की रोकथाम के लिए निम्‍न कदम उठाये जा सकते हैं।

  • धूम्रपान,शराब और तम्‍बाकू आदि का सेवन न करें।
  • स्‍वस्‍थ आहार के साथ स्‍वस्‍थ जीवनशैली का उपयोग करें।
  • अधिक नमक और वसा वाले आहारों से बचें।
  • अधिक वजन को कम करें।
  • दैनिक जीवन में नियमित व्‍यायाम को स्‍थान दें।
  • मुंह और दांतों की उचित सफाई करें।

Leave a Comment

Table of Contents

Index